नई दिल्ली केंद्र में नवगठित राजग-2 सरकार ने पहले दिन ही धुआंधार फैसले लिए हैं। शपथ लेने के 24 घंटे के अंदर ही सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का दरवाजा अब सभी किसानों के लिए खोल दिया है। यानी सभी 14.5 करोड़ किसानों के खातों में सालाना छह हजार रुपये की राशि जमा की जाएगी। इससे खजाने पर 87 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।कैबिनेट की पहली बैठक में ही पीएम नरेंद्र मोदी के किसानों के हित में किए गए प्रमुख चुनावी वादों को पूरा कर दिया गया। पीएम-किसान योजना के तरह 12.5 करोड़ लघु एवं सीमांत किसानों को सालाना छह हजार रुपये देने का प्रावधान आम बजट में ही किया गया था, जिसे किसानों के बैंक खातों में दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में जमा कराया जा रहा है। दो हेक्टेयर की सीमा खत्म कर इसे अब सबके लिए खोल दिया गया है। इस तरह अतिरिक्त 12 हजार करोड़ रुपये और खर्च होंगे। फैसले की जानकारी देने आए नवनियुक्त कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि भाजपा ने चुनाव संकल्प पत्र में किसानों के लिए जितने बड़े-बड़े वादे किए थे, उसे पहली बैठक में ही पूरा कर दिया गया है। इससे पहले किसी और सरकार ने इतना धुआंधार फैसला चुनाव नतीजा आने के बाद नहीं किया होगा। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट में पीएम-किसान योजना की घोषणा के साथ उसे लागू कर दिया गया था। चुनाव से पहले ही करीब तीन करोड़ किसानों के बैंक खातों में पहली किस्त का पैसा जमा करा दिया गया था। दूसरी किस्त भी ज्यादातर किसानों के खातों में पहुंच गई है। जिन राज्यों ने पात्र किसानों की सूची भेजने में देर की, वहां विलंब हुआ है।दूसरा बड़ा फैसला : किसानों की माली हालत में सुधार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने छोटे किसानों को पेंशन का प्रावधान किया है। किसान पेंशन योजना में 18 से 40 वर्ष के किसान हिस्सा ले सकते हैं। पेंशन 60 वर्ष की उम्र के बाद मिलेगी। देश के 12.5 करोड़ ऐसे किसानों में से पहले चरण में ही पांच करोड़ किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। इसमें न्यूनतम 55 रुपये मासिक किस्त देनी होगी और उतनी ही राशि केंद्र सरकार देगी। तोमर ने कहा, दुनिया की इस अनूठी योजना को लागू करने में खजाने पर 10 हजार करोड़ रुपये का भार आएगा। इससे ग्रामीणों के जीवन में बदलाव आएगा। यह योजना छोटे व्यापारियों पर भी लागू होगी। पेंशन योजना में 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर के व्यापारियों को शामिल किया गया है। ये व्यापारी जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं।तीसरा बड़ा फैसला : सरकार का तीसरा फैसला किसानों की आमदनी बढ़ाने वाले पशुधन की सुरक्षा का है। संक्रामक रोगों के चलते पशुओं में महामारी आम है, जिसकी रोकथाम की अब तक की कोशिशें नाकाम साबित होती रही हैं। मोदी सरकार इस दिशा में बड़ी पहल करते हुए देशव्यापी टीकाकरण योजना की शुरुआत करेगी ताकि ऐसी बीमारियों से पशुओं को बचाया जा सके। इस पर 13 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। तोमर ने बताया कि अब तक इस योजना के विफल होने की मूल वजह केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 फीसद की आर्थिक सहभागिता रही है। केंद्र अब योजना का पूरा भार खुद उठाएगा। उन्होंने बताया कि 30 करोड़ गायों, भैंसों और बैलों के साथ 20 करोड़ भेड़-बकरियों और एक करोड़ सूअरों का टीकाकरण किया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर ऐतिहासिक जीत के साथ आई मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत शहीदों व पूर्व सैनिकों के बच्चों की छात्रवृत्ति बढ़ाकर की है। यह छात्रवृत्ति नेशनल डिफेंस फंड से प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत दी जाती है। पहले यह सुविधा सेना, अर्धसैनिक बलों और रेलवे सुरक्षा बल तक सीमित थी, अब यह आतंकी या नक्सली ¨हसा में शहीद राज्य पुलिस के जवानों के बच्चों को भी मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर सरकार के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार का पहला फैसला देश की सुरक्षा करने वालों को समर्पित है। अब लड़कों को हर माह 2000 की जगह 2500 और लड़कियों को 2250 की जगह 3000 रुपये छात्रवृत्ति मिलेगी। यह छात्रवृत्ति शहीदों व पूर्व जवानों के बच्चों को तकनीकी और प्रबंधन की शिक्षा के लिए दी जाती है। इसके लिए हर साल सैन्य बलों के जवानों के 5,500 बच्चों, अर्धसैनिक बलों के जवानों के 2,000, रेलवे सुरक्षा बल के जवानों के 150 बच्चों का कोटा तय है। अब इसमें आतंकी-नक्सली हिंसा में शहीद पुलिसकर्मियों के पांच सौ बच्चों के कोटे को भी शामिल किया गया है।
नितिन प्रधान, नई दिल्ली केंद्रीय मंत्रलय अंतरिम बजट में आवंटित राशि में किसी तरह का बदलाव पूर्ण बजट में नहीं करवा पाएंगे। सभी मंत्रलयों को पत्र लिखकर वित्त मंत्रलय ने स्पष्ट कर दिया है कि बेहद जरूरी कामों के लिए खर्च में वृद्धि मंजूर की जाएगी। केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष का पूर्ण बजट पांच जुलाई को पेश करेगी।भारी बहुमत से विजय हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल ने गुरुवार को शपथ ली। शुक्रवार को सभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी हो गया है। पिछली सरकार में रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रलय का कामकाज सौंपा गया है। उन्होंने शुक्रवार को ही मंत्रलय में कामकाज संभाल भी लिया। अब मंत्रलय का पूरा ध्यान जुलाई में चालू वित्त वर्ष का पूर्ण बजट पेश करने पर है।सूत्र बताते हैं कि वित्त मंत्रलय ने सभी मंत्रलयों के वित्तीय सलाहाकारों को पत्र भेजकर अंतरिम बजट में सभी मंत्रलयों को आवंटित राशि में किसी भी तरह के फेरबदल से इन्कार कर दिया है। मंत्रलय ने कहा है कि जो अनुमान अंतरिम बजट में लगाए गए हैं, उन्हें बदला नहीं जाएगा। अलबत्ता अंतरिम बजट पेश होने के बाद यदि किसी मंत्रलय में ऐसी स्थिति बनती है जिसके लिए अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होगी तो उस पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए सभी मंत्रलयों से सात जून तक अपनी मांगें वित्त मंत्रलय की बजट डिवीजन को भेजने को कहा गया है। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि आवंटन वृद्धि के उन्हीं प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा, जिन्हें किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हालांकि उसकी मंजूरी भी मांग की पूरी समीक्षा करने के बाद ही मिलेगी।
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